वन नेशन वन इलेक्शन- अगली मीटिंग 30 जुलाई को संभव:पूर्व मंत्री बोले- संविधान में नहीं, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में बदलाव काफी

पूर्व केंद्रीय मंत्री और सीनियर एडवोकेट ईएमएस नचियप्पन ने वन नेशन वन इलेक्शन पर संसदीय समिति को बताया है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए संविधान में संशोधन की जरूत नहीं है। बल्कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में बदलाव कानूनी रूप से इसके लिए काफी हो सकते हैं। न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस के पूर्व सांसद नचियप्पन JPC के सामने अपनी बात रखी। उन्होंने यह कहा कि सरकार को मौजूदा कार्यकाल में ही इस प्रस्ताव को लागू करने पर विचार करना चाहिए क्योंकि इसकी अधिसूचना अगली लोकसभा के लिए छोड़ना कानूनी रूप से संदिग्ध होगा। कांग्रेस के पूर्व सांसद ने भाजपा के पी.पी. चौधरी की अध्यक्षता वाली संसद की संयुक्त समिति के सामने एक साथ चुनाव कराने का प्रस्ताव करने वाले संविधान संशोधन विधेयक के कुछ प्रावधानों पर सवाल उठाए। बैठक के बाद चौधरी ने कहा कि JPC की अगली बैठक 30 जुलाई को होने की संभावना है। पूर्व सांसद के तर्क और सुझाव 11 जुलाई की बैठक में पहुंचे थे पूर्व CJI चंद्रचूड़ भाजपा सांसद चौधरी की अध्यक्षता वाली संयुक्त संसदीय समिति इस विधेयक पर अपनी सिफारिशें तैयार करने के लिए न्यायविदों और कानून विशेषज्ञों से बात कर रही है। भारत के पूर्व CJI जेएस खेहर और डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को समिति की 8वीं बैठक के दौरान बातचीत की। अगली बैठक में जस्टिस राजेंद्र मल लोढ़ा और जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े को अपने विचार व्यक्त करने के लिए बुलाया जा सकता है। चेयरमैन चौधरी की बैठक के बारे में बड़ी बातें… ये खबर भी पढ़ें… चंद्रचूड़ बोले- वन नेशन-वन इलेक्शन बिल संविधान के खिलाफ नहीं: पूर्व CJI ने संसदीय पैनल से कहा- चुनाव आयोग की शक्तियों पर बहस की जरूरत वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए 129वें संशोधन बिल पर जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की संसद भवन में शुक्रवार को बैठक हुई। इसमें पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जगदीश सिंह खेहर ने संसदीय पैनल के सामने अपने सुझाव रखे। पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि एक साथ लोकसभा-विधानसभा चुनाव कराने के प्रस्ताव को लागू करने वाला बिल संविधान के मूल ढांचे को प्रभावित नहीं करता। पढ़ें पूरी खबर…

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