सीनियर एडवोकेट उज्ज्वल निकम ने कहा कि 1993 के मुंबई बम धमाके रोके जा सकते थे। अगर एक्टर संजय दत्त उस गाड़ी के बारे में पुलिस को बता देते, जिसमें से उन्होंने AK-47 बंदूक उठाई थी तो ये धमाके कभी नहीं होते। हाल ही में निकम को राज्यसभा सदस्य मनोनीत किया गया है। उन्होंने बताया कि धमाकों से कुछ दिन पहले अबू सलेम (गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम का आदमी) हथियारों से भरी एक वैन लेकर संजय दत्त के घर आया था। उसमें हथगोले और AK-47 थी। संजय ने उसमें से कुछ हथियार ले लिए। बाद में उन्होंने सब लौटा दिए, लेकिन एक AK-47 रख ली। निकम ने कहा कि इस बारे में पुलिस को जानकारी न देना धमाकों का कारण बना, जिनमें इतने सारे लोग मारे गए। निकम ने ये बातें NDTV को दिए एक इंटरव्यू में कहीं। 12 मार्च 1993 को मुंबई के अलग-अलग इलाकों में सिलसिलेवार 13 बम धमाके हुए थे। इसमें 257 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। निकम बोले- संजय निर्दोष, कानून की नजर में अपराधी टाडा ने संजय को 6 साल की सजा सुनाई थी 1993 में मुंबई धमाकों के कुछ हफ्तों बाद संजय दत्त को गिरफ्तार किया गया था। उन पर अबू सलेम और रियाज सिद्दीकी से अवैध बंदूकों की डिलीवरी लेने, उन्हें रखने और फिर नष्ट करने का दोषी माना गया था। विशेष टाडा कोर्ट में पेश सबूतों के आधार पर माना था कि ये हथियार उस जखीरे का हिस्सा थे, जिन्हें धमाकों के दौरान इस्तेमाल किया जाना था। हालांकि संजय ने अदालत में कहा था, ‘मैं अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित था। इसी वजह से हथियार रखे थे। मैं घबरा गया था और कुछ लोगों के कहने में आकर मैंने ऐसा किया।’ उन्हें 1995 सुप्रीम कोर्ट से बेल मिली लेकिन दो महीने बाद ही दिसंबर,1995 में उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया। बहरहाल लंबी कानूनी जद्दोजहद के बाद 1997 में उन्हें फिर जमानत मिली। 31 जुलाई, 2007 टाडा कोर्ट ने संजय आर्म्स एक्ट के तहत छह साल की सजा सुनाई। सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में टाडा कोर्ट का फैसला सही ठहराया। हालांकि सजा घटाकर पांच साल कर दी। इसके बाद संजय ने कहा, ‘जो भी सजा मिली है, उसे भुगतने को तैयार हूं। मैं कोई राजनेता नहीं हूं लेकिन एक राजनीतिक परिवार से हूं, शायद इसीलिए निशाने पर हूं।’ संजय ने पुणे की यरवदा जेल में अपनी सजा पूरी की और 25 फरवरी 2016 को जेल से रिहा हुए। 2 दिन पहले राज्यसभा के लिए नॉमिनेट हुए हैं निकम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 13 जुलाई को राज्यसभा के लिए 4 सदस्यों को नॉमिनेट किया था। इनमें पूर्व सरकारी वकील और लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार रहे उज्ज्वल निकम भी शामिल हैं। निकम, 26/11 के मुंबई हमला समेत कई हाई-प्रोफाइल मामलों में पब्लिक प्रोसिक्यूटर रहे हैं। इनके अलावा समाजसेवी और शिक्षाविद सी सदानंदन मास्टर, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और इतिहासकार मीनाक्षी जैन भी राज्यसभा के लिए नामित किया गया है। पूरी खबर पढ़ें… ————————————————————– मुंबई बम धमाकों से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… बाबरी विध्वंस का बदला, मुंबई में 13 ब्लास्ट, जानबूझकर चुना था नमाज का वक्त 12 मार्च 1993, उस रोज शुक्रवार था। मुंबई के वर्ली इलाके का रहने वाला 13 साल का तुषार आम दिनों की तरह ही स्कूल जाने की तैयारी में था। सातवीं क्लास का तुषार मां से टिफिन लेकर स्कूल के लिए घर से निकला। पूरी खबर पढ़ें… बंबई ब्लास्ट की कहानी- गुल्लू की बात मान लेते तो बच जातीं 257 जिंदगियां, कैसे फंसे संजय दत्त 9 मार्च 1993 को मुंबई दंगे का आरोपी गुल मोहम्मद खान उर्फ गुल्लू को नवपाड़ा थाने की पुलिस ने हिरासत में लिया। गुल्लू ने पुलिस को बताया कि मुंबई की कई मशहूर जगहों पर धमाके होने वाले हैं। मुंबई पुलिस ने उसकी बात को मनगढ़ंत समझा। पूरी खबर पढ़ें…
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