केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भारतीय पति के साथ बच्चे की कस्टडी विवाद में फंसी रूसी महिला गैर-कानूनी तरीके से भारत से रूस भाग गई है। मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच कर रही है। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) ऐश्वर्या भाटी ने कहा- 7 जुलाई से लापता महिला पहले बिहार गई, वहां से नेपाल पहुंची। इसके बाद फ्लाइट के जरिए UAE के शारजाह गई और फिर वहां से रूस चली गई। ASG ने कहा कि हमारे पास महिला का बोर्डिंग पास है। हमें नेपाल की एयरलाइन से कन्फर्मेशन का इंतजार है, क्योंकि जांच जारी है। ट्रैवलिंग हिस्ट्री की जानकारी के लिए थोड़ा और समय चाहिए। कोर्ट रूम लाइव बेंच: क्या रूसी दूतावास के अधिकारियों की महिला को भारत से निकालने में मिलीभगत है। ASG: विदेश मंत्रालय दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर मामले की सक्रिय रूप से जांच कर रहा है और सभी संभावनाओं पर विचार कर रहा है। बेंच: अगर महिला ने वास्तव में अदालत के आदेशों का उल्लंघन करते हुए देश छोड़ा है, तो वह अदालत के आदेशों की अवमानना करेगी। (अदालत ने केंद्र और दिल्ली पुलिस को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई अगले सप्ताह के लिए निर्धारित की) क्या है मामला, 4 पॉइंट में समझें… अब मामले में हुई 17 जुलाई की सुनवाई के बारे में जानिए… सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से रूसी महिला को ढूंढने का आदेश देते हुए उसके लिए लुकआउट नोटिस जारी करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि रूसी महिला विक्टोरिया देश छोड़कर नहीं जानी चाहिए। कोर्ट ने मां और बच्चे को ढूंढकर, बच्चे को उसके भारतीय पिता सैकत बसु को सौंपने का आदेश दिया था। कोर्ट को बताया गया था कि रूसी महिला और बच्चा जंगल में गायब हो गए हैं। महिला के पति सैकत और उनके परिवार को शक है कि विक्टोरिया भारत की जासूसी करके रूस लौटना चाह रही थी। वह 2019 से भारत में रह रही है। वह एक्स-1 वीजा पर भारत आई थी। जासूसी के शक की वजह सैकत बसु के पिता इंडियन नेवी में अफसर रहे हैं। वहीं विक्टोरिया के पिता रूस की खुफिया एजेंसी के पूर्व कर्मचारी हैं। शादी के बाद विक्टोरिया अपने पति सैकत से हमेशा कोलकाता स्थित सेना की पूर्वी कमान के हेडक्वार्टर फोर्ट विलियम घूमने ले जाने का दबाव डालती थी। परिवार को संदेह है कि विक्टोरिया यहां भारत की जासूसी करके रूस लौटना चाह रही थी। परिवार ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि केंद्र सरकार विक्टोरिया का पासपोर्ट जब्त कर ले। सैकत का आरोप है कि 4 जुलाई को विक्टोरिया को एक रूसी राजनयिक के साथ रूसी दूतावास में पिछले दरवाजे से घुसते हुए देखा गया था। पति का दावा है कि रूसी राजनयिक के साथ महिला का अफेयर चल रहा है। कोर्ट ने वकीलों से कहा- आप हमारे साथ खेल नहीं सकते
सुप्रीम कोर्ट ने रूसी महिला के वकीलों से उसका पता पूछा था, लेकिन उन्होंने दावा किया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। कोर्ट को उनकी बातों पर भी शक हुआ। जस्टिस सूर्यकांत ने वकीलों से कहा, ‘आप लोग सब कुछ जानते हैं। आपको लगता है कि आप हमारे साथ खेल सकते हैं? हम वकीलों से भी जवाब तलब करेंगे। आप रुकिए।’ कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी कि अगर रूसी दूतावास के अधिकारी महिला को देश से भगाने या छिपाने में शामिल पाए गए, तो उन पर भी कानूनी कार्रवाई होगी। कोर्ट ने रूसी महिला का पासपोर्ट तुरंत जब्त करने और उस रूसी राजनयिक के घर की तलाशी लेने के आदेश दिए थे, जिसे आखिरी बार रूसी महिला के साथ देखा गया था। ……………………. सुप्रीम कोर्ट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… ‘तलाक मामले में पत्नी की कॉल रिकॉर्डिंग सबूत’: सुप्रीम कोर्ट बोला- रिश्ता जासूसी तक पहुंचा तो पहले ही टूट चुका सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पत्नी की जानकारी के बिना रिकॉर्ड कॉल को वैवाहिक विवादों में सबूत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि ऐसा करना पत्नी के निजता के अधिकार का उल्लंघन है और इसे सबूत के रूप में नहीं माना जा सकता। पूरी खबर पढ़ें…