एक तरफ पंजाब का माझा इलाका भयंकर बाढ़ की मार झेल रहा है। बाढ़ से हजारों परिवार बेघर होकर भूख और बीमारी से जूझ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कुछ असामाजिक तत्व इस त्रासदी को कमाई का साधन बना बैठे हैं। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की धर्म प्रचार कमेटी पंजाब के चेयरमैन मनजीत सिंह भौमा ने अपनी आंखों से देखे और कैमरे में कैद किए एक दृश्य साझा किया हैं। उन्होंने बताया कि अजनाला–रमदास रोड पर दिनदहाड़े दानवीरों द्वारा लाई गई राहत सामग्री लुटेरों के गिरोह खुलेआम लूट रहे हैं। दान देने वाले सज्जनों की गाड़ियां रोककर मदद की बोरियां छीन ली जाती हैं और फिर इन हालातों का ठीकरा बाढ़ पीड़ितों और मांझा की जनता पर फोड़ा जाता है। भौमा बोले- पीड़ित लोगों तक नहीं पहुंच रही मदद भौमा ने कहा कि असली बाढ़ पीड़ित भूखे-प्यासे, छत के बिना जिंदगी काट रहे हैं। लेकिन उनकी छवि को बदनाम करने के लिए यह सब सुनियोजित ढंग से किया जा रहा है। प्रशासन की बेरुखी ने हालात और गंभीर कर दिए हैं। अभी तक किसी भी जिम्मेदार विभाग ने लुटेरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की। यह तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं– जिन हाथों में आज मदद पहुंचनी चाहिए थी, वे खाली हैं। भूखे बच्चे, वृद्ध और महिलाएं उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कोई उनका दर्द सुनेगा। मगर राहत सामग्री उन तक पहुंचने से पहले ही रास्ते में लूट ली जा रही है। आरोपियों पर कार्रवाई की मांग उन्होंने कहा कि मांझे और बाढ़ पीड़ितों की इज्जत बचाने के लिए जरूरी है कि प्रशासन तुरंत हरकत में आए और ऐसे लुटेरों को सख्त सजा दे। वरना इतिहास गवाह रहेगा कि जब पंजाब का एक हिस्सा डूब रहा था, तब कुछ लोग राहत के नाम पर भी लूट में लगे थे और सरकार चुपचाप देखती रही।
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