महाराष्ट्र में बाढ़-बारिश के कारण पिछले दो दिनों में 10 लोगों की मौत हो गई। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि नासिक जिले में चार, धाराशिव और अहिल्यानगर में दो-दो और जालना व यवतमाल में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। मराठवाड़ा और पश्चिमी महाराष्ट्र के कई हिस्सों में पिछले दो दिनों में भारी बारिश हुई। छत्रपति संभाजी नगर जिले में 110.3 मिमी, अहिल्यानगर में 81.8 मिमी और नासिक में 76.6 मिमी बारिश हुई। दक्षिण-पश्चिम मानसून उत्तर भारत के राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उत्तराखंड से विदा हो चुका है। यह अब गुजरात, मध्य प्रदेश और यूपी में आकर रुक गया है। इन तीनों राज्यों में साउथ-वेस्ट मानसून एक्टिव होने की वजह से मानसून की वापसी कुछ इलाकों से टल गई है। मौसम विभाग के अनुसार, यह लाइन वेरावल और भरूच (गुजरात), उज्जैन (मध्यप्रदेश), झांसी और शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश) से होकर गुजर रही है। इस वजह से इन इलाकों में अगले 7 दिनों तक इस वापसी की संभावना कम दिख रही है। अनुमान है कि अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में यहां से मानसून विदा लेगा। 1 अक्टूबर से मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार समेत अन्य राज्यों में भी बारिश का दौर शुरू होने की संभावना है। हालांकि, पूरे देश से मानसून की विदाई अपने निर्धारित समय 15 अक्टूबर तक होने की संभावना है। पिछले साल भी मानसून 15 अक्टूबर को विदा हुआ था। 3 सिस्टम बनने से बारिश की संभावना राजस्थान में 63% ज्यादा, मेघालय में 42% कम बारिश
इस बार, जून से सितंबर के दौरान मानसून का बिहेवियर (पैटर्न) असामान्य रहा। राजस्थान में इस साल सामान्य से 63% से ज्यादा बारिश हुई। मेघालय में सामान्य से 42% कम बारिश दर्ज की गई। भारत में इस मानसून सीजन (जून से सितंबर के दौरान) 930mm बारिश हुई। आमतौर पर देश में मानसून सीजन में औसतन लगभग 750 से 1,500mm (30 से 59 इंच) बारिश होती है। देश भर में बारिश से जुड़ी घटनाओं की जानकारी के लिए नीचे के ब्लॉग से गुजर जाएं…