दिवाली से पहले ही दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने लगा है। बुधवार को दिल्ली के 5 सेंटरों आनंद विहार, नॉर्थ कैंपस, मथुरा रोड, द्वारका, वजीरपुर में प्रदूषण का लेवल (एक्यूआई) 300 पार कर गया। तेजी से बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि दिल्ली में क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है। सिरसा ने कहा चुनिंदा इलाकों में दिवाली के एक दिन बाद कृत्रिम बारिश कराई जा सकती है। मौसम विभाग अगले 2-3 दिनों में जब हरी झंडी देगा तो ब्लास्टिंग/स्प्रे के बाद क्लाउड सीडिंग का एक सैंपल लिया जाएगा। हम जल्द बादलों के छाने का इंतजार कर रहे हैं। सिरसा ने बताया कि हम एक प्लेन भेजकर काम शुरू कर सकते हैं। सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। 2 पायलट इसके लिए 4 दिन तक ट्रेनिंग ले चुके हैं। 3 घंटे में इसका असर नजर आ जाएगा। इधर, दिल्ली से लगे नोएडा में भी वायु गुणवत्ता ‘खराब’ हो गई थी। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने 14 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर में GRAP-1 के तहत प्रतिबंध लगाए हैं। नोएडा प्राधिकरण ने वायु प्रदूषण के प्रभावों को कम करने के लिए GRAP-1 उपायों के तहत सड़कों पर पानी का छिड़काव शुरू कर दिया है। बुधवार को दिल्ली में प्रदूषण का लेवल सबसे ज्यादा प्रदूषण आनंद विहार में 345 दर्ज किया गया। डीयू नॉर्थ कैंपस में 307, सीआरआरआई मथुरा रोड में 307, द्वारका सेक्टर-8 में 314 और वजीरपुर में प्रदूषण का स्तर 325 ‘बेहद खराब’ कैटेगरी में दर्ज किया गया।
दिल्ली के 20 सेंटरों पर AQI खराब कैटेगरी में दर्ज किया, जबकि 13 सेंटरों पर यह मीडियम कैटेगरी में रिकॉर्ड किया गया। माना जा रहा है कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने के पीछे परिवहन उत्सर्जन का बड़ा योगदान रहा है। प्रदूषण की वजह पराली जलाना, इसे रोकने कानून भी बना उत्तर और मध्य भारत में दिवाली के बाद पराली जलाने का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस वजह से प्रदूषण बढ़ने की रफ्तार भी तेज होने लगती है। दिल्ली के सबसे नजदीक हरियाणा और पंजाब में सबसे ज्यादा पराली जलाई जाती है। 2015 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पराली जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। इससे किसानों को पराली का सफाया करने में परेशानी होने लगी। केंद्र सरकार ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) अधिनियम 2021 के तहत पराली जलाने पर नियम लागू किए। इसके मुताबिक 2 एकड़ से कम जमीन पर पराली जलाने पर 5,000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। 2 से 5 एकड़ जमीन पर 10,000 रुपए और 5 एकड़ से ज्यादा जमीन पर पराली जलाने पर 30,000 रुपए का जुर्माना लगता है। AQI 400 के पार पहुंचने पर GRAP लगाया जाता है हवा के प्रदूषण स्तर की जांच करने के लिए इसे 4 कैटेगरी में बांटा गया है। हर स्तर के लिए पैमाने और उपाय तय हैं। इसे ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) कहते हैं। इसकी 4 कैटेगरी के तहत सरकार पाबंदियां लगाती है और प्रदूषण कम करने के उपाय जारी करती है। ग्रेप के स्टेज और उसकी पाबंदियां