दिवाली के दूसरे दिन भी दिल्ली की हवा जहरीली:AQI 345, 38 में से 34 मॉनिटरिंग स्टेशन रेड जोन में; आर्टिफिशियल बारिश का ट्रायल टला

दिवाली के दूसरे दिन बुधवार को भी दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रदूषण की धुंध छाई हुई है। एयर क्वालिटी अब भी जहरीली बनी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की वेबसाइट के अनुसार, सुबह 7 बजे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 345 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ कैटेगरी में आता है। राजधानी के कुछ इलाकों में AQI 400 पार भी बना हुआ है। पंजाबी बाग में AQI 433 और वजीरपुर में 401 रिकॉर्ड हुआ है। वहीं, दिल्ली के 38 में से 34 मॉनिटरिंग स्टेशनों पर पॉल्यूशन का लेवल अब भी रेड जोन में है। यानी हवा की क्वालिटी ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ स्तर पर है। दिवाली के बाद देश में हरियाणा की हवा सबसे प्रदूषित हुई है। CPCB के अनुसार, सबसे ज्यादा प्रदूषित हवा वाले 10 शहरों में हरियाणा के 8 और राजस्थान का एक शहर है। वहीं दिल्ली 10वें नंबर पर है। दिल्ली में आर्टिफिशियल बारिश का ट्रायल एक बार फिर अटक गया है। जुलाई में शुरू होने वाला यह प्रयोग अब तक नहीं हो पाया है क्योंकि मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, जरूरी बादल मौजूद नहीं हैं। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि जैसे ही बादल मिलेंगे, तुरंत ट्रायल किया जाएगा। सभी मंजूरियां, फंड और विमान की व्यवस्था कर ली गई है। दिल्ली-NCR में प्रदूषण की फोटो… सुप्रीम कोर्ट ने रात 8 से 10 बजे तक पटाखों की इजाजत दी थी दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्टूबर को दिल्ली-NCR में 18 से 21 अक्टूबर तक ग्रीन पटाखे बेचने और फोड़ने की इजाजत दी थी। कोर्ट ने कहा था कि 4 दिनों के दौरान, लोग सुबह 6 बजे से 7 बजे तक और रात में 8 बजे से 10 बजे तक, यानी कुल तीन घंटे ही ग्रीन पटाखे फोड़ सकेंगे। हालांकि, दिल्ली-NCR में दीवाली पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ीं। लोगों ने सुबह से लेकर देर रात तक पटाखे फोड़े। इससे मंगलवार सुबह दिल्ली में घनी धुंध छा गई। रात में भारी मात्रा में पटाखे फोड़े जाने के बाद एयर क्वालिटी रेड जोन में चली गई। दिल्ली के मंत्री बोले- पंजाब में पराली जलाने से प्रदूषण बढ़ा दिल्ली की भाजपा सरकार में पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने मंगलवार को पंजाब सरकार को प्रदूषण बढ़ने का जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पंजाब में पराली जलाने के वीडियो दिखाते हुए कहा- पंजाब की AAP सरकार ने किसानों को खेतों में पराली जलाने के लिए मजबूर किया, जिससे दिल्ली की हवा खराब हुई। जानें GRAP के स्टेज GRAP-I लागू, N95 या डबल सर्जिकल मास्क पहनने की सलाह GRAP-I तब सक्रिय होता है जब AQI 200 से 300 के बीच होता है। इसके तहत, एनसीआर में सभी संबंधित एजेंसियों को 27 निवारक उपायों को सख्ती से लागू किया जाना है। इनमें एंटी-स्मॉग गन का उपयोग, पानी का छिड़काव, सड़क निर्माण, मरम्मत परियोजनाओं और रखरखाव गतिविधियों में धूल नियंत्रण करना शामिल हैं। गाजियाबाद के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. शरद जोशी ने बचाव के लिए सभी को बाहरी गतिविधियों के दौरान N95 या डबल सर्जिकल मास्क पहनने की सलाह दी है। पराली जलाना भी प्रदूषण की एक वजह, इसे रोकने के लिए कानून भी बना उत्तर और मध्य भारत में दिवाली के बाद पराली जलाने का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस वजह से प्रदूषण बढ़ने की रफ्तार भी तेज होने लगती है। दिल्ली के सबसे नजदीक हरियाणा और पंजाब में सबसे ज्यादा पराली जलाई जाती है। 2015 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पराली जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। इससे किसानों को पराली का सफाया करने में परेशानी होने लगी। केंद्र सरकार ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) अधिनियम 2021 के तहत पराली जलाने पर नियम लागू किए। इसके मुताबिक 2 एकड़ से कम जमीन पर पराली जलाने पर 5,000 रुपए जुर्माने का प्रावधान है। 2 से 5 एकड़ जमीन पर 10,000 रुपए और 5 एकड़ से ज्यादा जमीन पर पराली जलाने पर 30,000 रुपए का जुर्माना लगता है। ————————— ये खबर भी पढ़ें… दिल्ली में हवा जहरीली हुई, AQI 500 पार:इसमें दीवाली का कितना रोल, सर्दी में गर्म हवा ‘फंसने’ से कैसे बढ़ता है एयर पॉल्यूशन दीपावली की रात 11 बजे दिल्ली का मैक्सिमम एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी AQI 598 था। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, दिल्ली की हवा इतनी खतरनाक होने के पीछे की वजह दिवाली के पटाखों के अलावा सर्दी का मौसम भी है, जो प्रदूषण को छंटने नहीं देता। पूरी खबर पढ़ें…

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