देश में वायु प्रदूषण रोकने सुप्रीम कोर्ट में याचिका:दावा- दिल्ली में 22 लाख बच्चों के फेफड़े खराब; प्रदूषण को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित करें

भारत भर में बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका ल्यूक क्रिस्टोफर काउंटिन्हो ने दायर की है। वे पीएम नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया मूवमेंट के वेलनेस चैंपियन यानी दूत रहे हैं। क्रिस्टोफर का कहना है कि देश में वायु प्रदूषण का स्तर पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी के अनुपात में पहुंच गया है। जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोगों की सेहतर पर बुरा असर पड़ रहा है। याचिका में यह भी कहा गया है कि अकेले दिल्ली में करीब 22 लाख स्कूली बच्चों को फेफड़ों में इतना नुकसान हो चुका है कि उनकी रिकवरी मुश्किल है। इसकी पुष्टि सरकारी और मेडिकल स्टडी से भी हुई है। याचिका में किए गए दावे आनंद विहार इलाके में मिस्ट स्प्रेइंग सिस्टम लगाया जाएगा वहीं, लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि दिल्ली के सबसे प्रदूषित इलाकों में से एक आनंद विहार में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए मिस्ट स्प्रेइंग सिस्टम लगाए जाएंगे। आनंद विहार शहर का चौथा सबसे ज्यादा पॉल्यूशन वाला इलाका है जहां PWD मिस्ट स्प्रेइंग सिस्टम लगाने जा रहा है। इससे पहले नरेला, बवाना और जहांगीरपुरी इलाकों में भी ये प्रोजेक्ट शुरू किए जा चुके हैं। ये सिस्टम 2000 लीटर प्रति घंटे की कुल क्षमता वाले RO पानी का सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक और दोपहर 2 बजे से रात 10 बजे तक छिड़काव करेंगे। इसकी लागत 4 करोड़ रुपए है, जिसमें पांच साल तक संचालन और रखरखाव शामिल है। दिल्ली का AQI 278 पर, शाम तक और बिगड़ेंगे हालात गुरुवार की सुबह दिल्ली में धुंध छाई रही और AQI 278 पर रहा। जो खराब कैटेगरी में आता है। शाम तक इसके बेहद खराब स्तर पर पहुंचने की संभावना है। एयर क्वालिटी अर्ली वॉर्निंग सिस्टम ने स्थिति और बिगड़ने की संभावना जताई है। 6 से 8 नवंबर के बीच प्रदूषण का स्तर बेहद खराब श्रेणी में पहुंच सकता है। CPCB के वर्गीकरण के अनुसार, 0 से 50 के बीच का AQI अच्छा, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मीडियम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर माना जाता है। दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था- प्रदूषण रोकने के लिए क्या किया दिल्ली-NCR में बढ़ते पॉल्यूशन मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। CJI बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच एमसी मेहता केस की सुनवाई कर रही थी। कोर्ट को बताया गया कि दिवाली के दिन 37 में से सिर्फ 9 एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन ही लगातार काम कर रहे थे। इस पर कोर्ट ने CAQM से पूछा कि दिल्ली-NCR में पॉल्यूशन को गंभीर स्तर पर पहुंचने से रोकने के लिए अब तक क्या कदम उठाए हैं। कोर्ट ने कहा कि पॉल्यूशन के गंभीर स्तर तक पहुंचने का इंतजार न किया जाए बल्कि समय रहते कदम उठाए जाएं। पढ़ें पूरी खबर…

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