दिल्ली एयरपोर्ट पर टल सकती थी तकनीकी गड़बड़ी की घटना:एयर ट्रैफिक कंट्रोल का दावा- जुलाई में ही अलर्ट किया था, सिस्टम अपग्रेड नहीं किया गया

दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) पर 7 नवंबर को हुए सिस्टम फेलियर पर एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स (ATC) ने दावा किया कि यह घटना टाली जा सकती थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ATC गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा- हमने इसी साल जुलाई में एयरपोर्ट के ऑटोमेशन सिस्टम में खामियों और अपग्रेड की जरूरत पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) को अलर्ट किया था, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। दरअसल, 7 नवंबर को IGI पर ATC के ऑटोमैटिक मैसेज स्विच सिस्टम (AMSS) में तकनीकी खराबी से फ्लाइटस ऑपरेशन 12 घंटे से ज्यादा प्रभावित रहा था। 800 से ज्यादा डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट्स देरी से उड़ीं थीं जबकि 20 को रद्द करना पड़ा था। IGI हर रोज 1500 फ्लाइट्स मैनेज करता है। गिल्ड ने कहा- सांसदों को भी लेटर लिखा था गिल्ड ने कहा कि 8 जुलाई को अहमदाबाद में एअर इंडिया बोइंग 787 ड्रीमलाइनर क्रैश में 260 लोगों की मौत हुई थी। इस घटना के बाद हमने कई सांसदों को लेटर लिखा था। कहा था कि एयर नेविगेशन के ऑटोमेशन सिस्टम का रेगुलर रिव्यू और अपग्रेडेशन करना जरूरी है। DIAL ने दोपहर बाद ऑपरेशन्स सामान्य होने की बात कही, लेकिन यात्रियों को एयरलाइनों से अपडेट लेते रहने की सलाह दी। AAI ने कहा कि AMSS में आई तकनीकी खराबी को दूर कर लिया गया है। अब जानिए 7 नवंबर का पूरा मामला दिल्ली एयरपोर्ट पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) के ऑटोमेटिक मैसेज स्विच सिस्टम (AMSS) में शुक्रवार को तकनीकी खराबी आने से फ्लाइटस ऑपरेशन 12 घंटे से ज्यादा प्रभावित रहा था। 800 से ज्यादा डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट्स देरी से उड़ीं और 20 को रद्द करना पड़ा। सिस्टम में खराबी सुबह 9 बजे आई थी। रात करीब साढ़े 9 बजे ठीक हुई थी। एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने शाम को बताया था कि AMSS सिस्टम एक्टिव है और अब ठीक से काम कर रहा है। सिस्टम ग्लिच के कारण दिनभर पैसेंजर्स एयरपोर्ट पर परेशान होते रहे थे। बोर्डिंग गेट के पास लंबी कतारें लगी थीं। उड़ानों पर नजर रखने वाली वेबसाइट फ्लाइटरडार24 के अनुसार सभी फ्लाइट में एवरेज 50 मिनट की देरी हुई थी। दिल्ली एयरपोर्ट पर फ्लाइट लेट होने का असर मुंबई, भोपाल, चंड़ीगढ़, अमृतसर समेत देशभर के कई एयरपोर्ट्स पर भी दिखा था। दिल्ली से वहां आने-जाने वाली फ्लाइट भी लेट हुईं थीं। इंडिगो, एअर इंडिया, एअर इंडिया एक्सप्रेस, स्पाइसजेट और अकासा एयरलाइंस ने दिनभर उड़ानों की जानकारी दी थी। दिल्ली एयरपोर्ट की 3 तस्वीरें… फ्लाइट ट्रैकिंग पोर्टल पर दिल्ली के आसमान की तस्वीर उड़ानों के रूट को ट्रैक करने वाले पोर्टल ‘फ्लाइट अवेयर’ ने दिल्ली के आसमान में मंडरा रहे प्लेन्स की लोकेशन को ग्राफिक के जरिए दिखाया था। इसमें कई फ्लाइट्स को एक ही जगह चक्कर लगाते देखा गया था। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक 5 नवंबर की शाम से ही एयरपोर्ट पर तकनीकी खराबी थी। फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट Flightradar24.com के मुताबिक 513 फ्लाइट्स देरी से रवाना हो सकी थीं। फ्लाइट्स लेट होने का असर, 4 पॉइंट्स में ऑटोमेटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम क्या है जानिए AMSS (ऑटोमेटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम) एयर ट्रैफिक कंट्रोल सर्विस से जुड़ा कंप्यूटर नेटवर्क सिस्टम है। AMSS के जरिए हजारों टेक्स्ट-बेस्ड मैसेज हर दिन पायलट, ग्राउंड स्टाफ और दूसरे एयरपोर्ट्स तक रीयल-टाइम भेजे जाते हैं। इन मैसेज में क्या होता है- यह कैसे काम करता है? एयरलाइन या पायलट फ्लाइट-प्लान डालते हैं। AMSS उस डेटा को चेक करके सही जगह (ATC, दूसरे एयरपोर्ट, संबंधित एयरलाइन) तक पहुंचाता है। अगर रूट या मौसम बदलता है, तो सिस्टम तुरंत सभी को अपडेट भेजता है। यह पूरे एयर ट्रैफिक रूट को सिंक रखता है। अगर AMSS काम न करे तो क्या होता है? अगर सिस्टम फेल हो जाए, जैसे दिल्ली में हुआ — हवाई जहाजों की ट्रैफिक पुलिस है ATC, AI इमेज से समझिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) एयरपोर्ट्स पर मौजूद सेंट्रल कंट्रोलिंग सिस्टम होता है। यह हवाई जहाजों को जमीन पर, हवा में और आसमान के अलग-अलग हिस्सों में निर्देश जारी करता है। आसान भाषा में कहा जाए तो यह ट्रैफिक पुलिस की तरह ही है, लेकिन सिर्फ हवाई जहाजों के लिए। …………………………………
फ्लाइट में देरी से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… दिल्ली के बाद काठमांडू एयरपोर्ट पर तकनीकी खराबी: शाम 5.30 बजे से उड़ानें रुकीं; 100 अंतराराष्ट्रीय 250 घरेलू फ्लाइट्स पर असर नेपाल की राजधानी काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर शनिवार को तकनीकी खराबी आने के कारण सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रोक दी गईं। एयरपोर्ट के प्रवक्ता रिजी शेरपा ने बताया कि रनवे की लाइटिंग सिस्टम में दिक्कत आ गई है। खराबी शाम करीब 5:30 बजे (स्थानीय समय) पर सामने आई। पूरी खबर पढ़ें…

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