अल-फलाह यूनिवर्सिटी के फाउंडर को ED ने गिरफ्तार किया:फरीदाबाद में पुलिस ने मस्जिद खंगाली, डॉ. शाहीन-मुजम्मिल की नई तस्वीर सामने आई

एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने मंगलवार (18 नवंबर) को फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी के 25 ठिकानों पर रेड की। इस दौरान टीम ने यूनिवर्सिटी के फाउंडर जावेद अहमद सिद्दीकी को दिल्ली के ओखला में स्थित ऑफिस से गिरफ्तार कर लिया। ये गिरफ्तारी PMLA (मनी लॉन्ड्रिंग) के तहत की गई है। रेड के दौरान टीम ने यूनिवर्सिटी के एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक को सील कर दिया। ED को जांच के दौरान कई अनियमितताएं मिलीं। जिसमें 9 शेल कंपनियां एक ही पते पर रजिस्टर्ड पाई गईं। कई कंपनियों में एक ही मोबाइल नंबर है। साथ ही EPFO का भी कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। उधर, पुलिस ने फरीदाबाद के गांव खंदावली में मस्जिद में चेकिंग की। पुलिस ने मस्जिद के आसपास के घरों में लोगों से पूछताछ भी की। दिल्ली ब्लास्ट और आतंकी मॉड्यूल केस में गिरफ्तार फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी की डॉ. शाहीन सईद और डॉ. मुजम्मिल शकील की एक नई तस्वीर सामने आई है। 25 सितंबर को शाहीन फरीदाबाद में ही अपनी नई ब्रेजा कार की डिलीवरी लेने पहुंची थी। तब उसके साथ मुजम्मिल भी था। तस्वीर में दोनों कार की डिलीवरी लेते दिख रहे हैं। 13 नवंबर को पुलिस ने यूनिवर्सिटी से ही इस कार को बरामद किया था। कार डॉ. शाहीन के ही नाम पर है। कार्यवाहक DGP भी यूनिवर्सिटी में पहुंचे
मंगलवार सुबह हरियाणा के कार्यवाहक DGP ओपी सिंह भी यूनिवर्सिटी पहुंचे। यहां वह करीब 4 घंट तक रहे है। इसके बाद उन्होंने DC और CP के साथ बैठक की। DGP ने अधिकारियों को कहा कि वह खुद मौके पर जाया करें, फ्रंट से लीड करें। घटना के बाद से गायब लोगों को ढूंढें। धार्मिक संस्थानों को चेक करें। i20 कार का नया CCTV फुटेज सामने आया
इस बीच, ब्लास्ट में इस्तेमाल हुई i20 कार का नया CCTV फुटेज सामने आया है। 10 नवंबर को ब्लास्ट से पहले दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर आतंकी उमर नबी कार लेकर दिल्ली के अरुणा आसिफ अली रोड से गुजर रहा है। उमर इसी रोड पर स्थित एक मस्जिद में 10 मिनट के लिए रुका था। आतंकी उमर का नया वीडियो सामने आया
आतंकी उमर का ब्लास्ट से पहले का एक वीडियो सामने आया है। उसने कहा- “लोग आत्मघाती हमलों को ठीक से नहीं समझते। ये हमले लोकतंत्र के खिलाफ हैं और किसी भी अच्छे समाज में इन्हें सही नहीं ठहराया जा सकता। आत्मघाती हमलों की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि हमलावर को लगता है कि उसकी मौत तय है। इससे वह बहुत खतरनाक हो जाता है। उसे लगता है कि मौत ही उसका आखिरी ठिकाना है। ऐसा सोचना गलत है। यह जीवन, समाज और कानून के खिलाफ है।” मामले से जुड़े पल-पल के अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए….

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