केंद्र सरकार ने मंगलवार को प्राइवेट डीवी चैनल्स को हाल दिल्ली ब्लास्ट केस से जुड़े संवेदनशील और भड़काऊ कंटेंट के टेलीकास्ट से बचने की चेतावनी दी है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी निजी सैटेलाइट चैनलों को एडवाइजरी जारी कर कहा- कुछ टेलीकास्ट में आरोपियों को ऐसे तरीके से दिखाया गया मानो हिंसा को सही ठहराया जा रहा हो। मंत्रालय ने नोट में कहा है कि कुछ चैनलों ने ऐसे वीडियो या जानकारी टेलीकास्ट की जिन्हें विस्फोटक सामग्री बनाने के तौर-तरीकों के रूप में देखा जा सकता है। जो अनजाने में भी हिंसा भड़का सकते हैं, सार्वजनिक व्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल सकते हैं। मंत्रालय ने ब्रॉडकास्टर्स को केबल टेलीविजन नेटवर्क्स (रेगुलेशन) एक्ट, 1995 के तहत प्रोग्राम्स और एडवर्टाजिंग कोड का पालन करने की जिम्मेदारी याद दिलाई। चैनलों को सलाह दी गई है कि वे ऐसे किसी भी विज़ुअल के प्रसारण से बचें जो अवैध गतिविधियों को बढ़ावा दे सकता है या उन्हें सपोर्ट दे सकता है। एडवाइजरी में कहा गया…. ऐसा कंटेंट नियम 6(1)(d), 6(1)(e) और 6(1)(h) का उल्लंघन कर सकता है, जिनमें अश्लील/मानहानिकारक सामग्री, हिंसा को बढ़ावा देने वाला, राष्ट्र-विरोधी रवैये को बढ़ावा देने वाला और देश की अखंडता को प्रभावित करने वाले कंटेट पर बैन है। 10 नवंबर: 15 लोगों की मौत, 20 से ज्यादा घायल 10 नवंबर की शाम 6.52 बजे लाल किला मेट्रो स्टेशन की पार्किंग के पास सुभाष मार्ग सिग्नल पर कार में ब्लास्ट हुआ था। घटना में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। 20 से ज्यादा घायलों का इलाज जारी है। इनमें कुछ की हालत गंभीर है। 18 नवंबर: आंतकी डॉ. उमर का एक और वीडियो वायरल दिल्ली में आत्मघाती हमला करने वाले आतंकी डॉ. उमर का नया वीडियो मंगलवार को सामने आया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह वीडियो आतंकी ने ब्लास्ट से पहले बनाया गया था। इसमें वह आत्मघाती हमले को लेकर बात रख रहा है। इससे माना जा रहा है कि वह फिदायीन हमला पहले से प्लान कर रहा था। VIDEO में उमर टूटी-फूटी अंग्रेजी में बात कर रहा है। उसने कहा- एक बात जो नहीं समझी गई कि यह शहीद होने के लिए ऑपरेशन (मार्टरडम ऑपरेशन) है, न कि सुसाइड हमला। इसको लेकर कई विरोधाभास हैं। दरअसल मार्टरडम ऑपरेशन के लिए माना जाता है कि कोई व्यक्ति निश्चित रूप से किसी जगह पर निश्चित समय पर जान देता है। दरअसल, डॉ. उमर ने ही दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुंडई i20 कार से आत्मघाती धमाका किया था। इस धमाके से 15 लोगों की मौत, 20 से ज्यादा घायल हुए थे। मामले में अब तक 8 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, इसमें से 6 डॉक्टर है। जांच एजेंसियां इस मॉड्यूल के बाकी सदस्यों और तकनीकी सपोर्ट नेटवर्क की पहचान में जुटी है। मैप से समझिए धमाके की लोकेशन 17 नवंबर: आतंकी ड्रोन और रॉकेट से हमला करना चाहते थे हमले की जांच में 17 नवंबर का रात बड़ा खुलासा हुआ। NIA ने बताया कि व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल पहले हमास की तरह ड्रोन और रॉकेट से हमला करना चाहता था। यह प्लानिंग हमास द्वारा 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर किए गए हमले की तर्ज पर बनाई गई थी। NIA को यह जानकारी आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर-उन-नबी के एक और साथी जासीर बिलाल वानी उर्फ दानिश की गिरफ्तारी के बाद मिली थी। दानिश जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के काजीगुंड का रहने वाला है। NIA ने उसे चार दिन पहले श्रीनगर से हिरासत में लिया था और सोमवार को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया। NIA के अनुसार दानिश को छोटे ड्रोन हथियार बनाने और उन्हें मॉडिफाई करने का तकनीकी अनुभव है। उसने डॉ. उमर को तकनीकी मदद दी और आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए ड्रोन और रॉकेट तैयार करने की कोशिश कर रहा था। एजेंसी ने बताया कि दानिश भीड़भाड़ वाले इलाके में ड्रोन से बम गिराने की योजना पर काम कर रहा था, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को नुकसान पहुंचाया जा सके। ………………………..
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