दिल्ली-NCR प्रदूषण, सुप्रीम कोर्ट बोला- सिर्फ किसान जिम्मेदार नहीं:कोविड में भी पराली जलाई फिर भी आसमान साफ था; सरकार एक्शन प्लान पर दोबारा विचार करे

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली-NCR में बढ़ रहे वायु प्रदूषण पर केंद्र सरकार और संबंधित एजेंसियों को फटकार लगाई। अदालत ने वायु प्रदूषण के लिए सिर्फ किसानों को जिम्मेदार ठहराने पर आपत्ति जताई। सुप्रीम कोर्ट ने एमसी मेहता की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि पराली जलाना नया नहीं है। 4-5 साल पहले कोविड और लॉकडाउन के दौरान भी पराली जलाई जा रही थी फिर भी आसमान साफ और नीला दिखाई देता था, अब क्यों नहीं? चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया सूर्यकांत और जस्टिस बागची की बेंच ने कहा कि पराली जलाने से जुड़ी बहस को राजनीतिक या अहंकार का मुद्दा नहीं बनना चाहिए। दिल्ली की जहरीली हवा के कई कारण हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बढ़ते एयर पॉल्यूशन के पीछे पराली जलाने के अलावा दूसरे कारणों का साइंटिफिक एनालिसिस भी किया जाना चाहिए। अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी। कोर्ट रूम लाइव… CAQM की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी पेश हुईं। कोर्ट ने कहा कि वह प्रदूषण मामले पर हर महीने कम से कम दो बार सुनवाई करेगी। कोर्ट ने माना कि सर्दियों के बाद हालात कुछ बेहतर होते हैं लेकिन अगर ठोस कदम नहीं उठाए गए तो इतिहास खुद को दोहराएगा। बेंच ने सुनवाई आगे बढ़ाने से पहले CAQM के सदस्यों की शिक्षा और अनुभव की जानकारी भी मांगी। ————————————– ये खबर भी पढ़ें… दिल्ली-NCR में पॉल्यूशन, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा से रिपोर्ट मांगी, पूछा- पराली जलाने से रोकने क्या किया सुप्रीम कोर्ट में 12 नवंबर को दिल्ली-NCR में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के खतरनाक स्तर पर पहुंचने और पॉल्यूशन मामले में सुनवाई हुई। कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकारों से रिपोर्ट मांगी है कि पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं। पूरी खबर पढ़ें…

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