सरकार ने माना- देशभर के एयरपोर्ट्स पर साइबर अटैक हुए:विमानों को गलत सिग्नल मिले, इससे पिछले महीने दिल्ली में 800 फ्लाइट लेट हुई थीं

दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (IGI) के ऑटोमैटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम (AMSS) में 7 नवंबर को छेड़छाड़ की गई थी। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने सोमवार को राज्यसभा में यह बात स्वीकारी। उन्होंने बताया कि इस वजह से प्लेन को गलत सिग्नल मिले थे। इसे GPS स्पूफिंग कहा जाता है। 7 नवंबर को दिल्ली एयरपोर्ट पर फ्लाइट ऑपरेशन 12 घंटे से ज्यादा प्रभावित रहा था। 800 से ज्यादा डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट्स देरी से उड़ीं जबकि 20 को रद्द करना पड़ा था। नायडू ने सदन में बताया कि वैश्विक स्तर पर रैनसमवेयर-मैलवेयर अटैक का खतरा बढ़ा है। एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) अपने IT और क्रिटिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर की सेफ्टी के लिए एडवांस साइबर सिक्योरिटी अपना रहा है। उन्होंने यह जानकारी सांसद एस. निरंजन रेड्डी के सवाल पर दी। रेड्डी ने पूछा था कि क्या सरकार को IGI पर हुई GPS स्पूफिंग की जानकारी है। DGCA-AAI की इससे बचने की क्या तैयारी है। अब जानिए 7 नवंबर को क्या हुआ था? दिल्ली एयरपोर्ट पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) के ऑटोमेटिक मैसेज स्विच सिस्टम (AMSS) में शुक्रवार को तकनीकी खराबी आने से फ्लाइटस ऑपरेशन 12 घंटे से ज्यादा प्रभावित रहा था। 800 से ज्यादा डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट्स देरी से उड़ीं और 20 को रद्द करना पड़ा। सिस्टम में खराबी सुबह 9 बजे आई थी। रात करीब साढ़े 9 बजे ठीक हुई थी। हालांकि गुरुवार शाम को भी शिकायत मिली थीं। एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने शुक्रवार शाम 8:45 बजे बताया था कि AMSS सिस्टम एक्टिव है और अब ठीक से काम कर रहा है। सिस्टम ग्लिच के कारण दिनभर पैसेंजर्स एयरपोर्ट पर परेशान होते रहे थे। बोर्डिंग गेट के पास लंबी कतारें लगी थीं। उड़ानों पर नजर रखने वाली वेबसाइट फ्लाइटरडार24 के अनुसार सभी फ्लाइट में एवरेज 50 मिनट की देरी हुई थी। दिल्ली एयरपोर्ट पर फ्लाइट लेट होने का असर मुंबई, भोपाल, चंड़ीगढ़, अमृतसर समेत देशभर के कई एयरपोर्ट्स पर भी दिखा था। दिल्ली से वहां आने-जाने वाली फ्लाइट भी लेट हुईं थीं। इंडिगो, एअर इंडिया, एअर इंडिया एक्सप्रेस, स्पाइसजेट और अकासा एयरलाइंस ने दिनभर उड़ानों की जानकारी दी थी। गड़बड़ी के दौरान मैन्युअल काम करना पड़ा एटीसी के एक अधिकारी ने बताया कि AMSS लागू होने से पहले एयरलाइंस से फ्लाइट प्लान मैन्युअली मिलता था। यह सिस्टम आने के बाद मैसेजिंग से फ्लाइट प्लान मिलने लगा और उसी आधार पर एटीसी से टेक ऑफ और लैंडिंग के निर्णय किए जाने लगे। सिस्टम क्रैश होने के बाद शुक्रवार को एयरपोर्ट पर मैन्युअल काम करना पड़ा। एयरपोर्ट अफसरों ने यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि AMSS लगातार सुधर रहा है, लेकिन यात्री अपनी एयरलाइंस से संपर्क में रहें ताकि उड़ान की रियल टाइम सूचना मिले। ऑटोमैटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम क्या है जानिए AMSS (ऑटोमैटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम) एयर ट्रैफिक कंट्रोल सर्विस से जुड़ा कंप्यूटर नेटवर्क सिस्टम है। AMSS के जरिए हजारों टेक्स्ट-बेस्ड मैसेज हर दिन पायलट, ग्राउंड स्टाफ और दूसरे एयरपोर्ट्स तक रियल-टाइम भेजे जाते हैं। इन मैसेज में क्या होता है- यह कैसे काम करता है? एयरलाइन या पायलट फ्लाइट-प्लान डालते हैं। AMSS उस डेटा को चेक करके सही जगह (ATC, दूसरे एयरपोर्ट, संबंधित एयरलाइन) तक पहुंचाता है। अगर रूट या मौसम बदलता है, तो सिस्टम तुरंत सभी को अपडेट भेजता है। यह पूरे एयर ट्रैफिक रूट को सिंक रखता है। अगर AMSS काम न करे तो क्या होता है? अगर सिस्टम फेल हो जाए, जैसा दिल्ली में हुआ — हवाई जहाजों की ट्रैफिक पुलिस है ATC, AI इमेज से समझिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) एयरपोर्ट्स पर मौजूद सेंट्रल कंट्रोलिंग सिस्टम होता है। यह हवाई जहाजों को जमीन पर, हवा में और आसमान के अलग-अलग हिस्सों में निर्देश जारी करता है। आसान भाषा में कहा जाए तो यह ट्रैफिक पुलिस की तरह ही है, लेकिन सिर्फ हवाई जहाजों के लिए। दुनिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट सिस्टम फेलियर ………………………………
फ्लाइट से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… एयरबस A320 विमानों में सोलर रेडिएशन का खतरा: सॉफ्टवेयर में खराबी से अचानक झुक सकते थे प्लेन; भारत में 338 एयरक्राफ्ट, अबतक 270 अपडेट एयरबस A320 सीरीज के विमानों में सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी के चलते 29 नवंबर को दुनियाभर के यात्रियों को परेशान होना पड़ा था। भारत में इस कारण कई फ्लाइट्स ने 60-90 मिनट की देरी से उड़ान भरी थी। फ्रांसीसी कंपनी एयरबस के मुताबिक A320 सीरीज के एयरक्राफ्ट्स पर सोलर रेडिएशन का खतरा मंडरा रहा है। यह फ्लाइट कंट्रोल डेटा पलट सकता है। पूरी खबर पढ़ें…

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