विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत को अपने पड़ोसी देशों से हमेशा अच्छे और आसान रिश्तों की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। लेकिन भारत ने ऐसी समझदारी वाली नीति बनाई है, जिससे चाहे किसी देश में सरकार बदले, रिश्ते फिर भी ठीक बने रहें। जयशंकर ने कहा, ‘आखिरकार, हमारे हर पड़ोसी को यह समझना चाहिए कि भारत के साथ मिलकर काम करने से उनका फायदा होता है और न करने से नुकसान। कुछ देशों को इसे समझने में समय लगता है।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपवाद है, क्योंकि वहां की पहचान सेना के इर्द-गिर्द बनी है, उसमें शुरू से ही भारत के प्रति दुश्मनी भरी रहती है। विदेश मंत्री ने कहा;- पहले की सरकारों की नीति में पाकिस्तान को लेकर नरमी थी, लेकिन मोदी सरकार ने इसे बदल दिया। चीन और अमेरिका पर जयशंकर का नजरिया जयशंकर ने कहा कि अमेरिका के साथ रिश्तों में कभी-कभी अनिश्चितता होती है, इसलिए भारत ने उसके साथ ज्यादा से ज्यादा जुड़ाव बनाए ताकि रिश्ते संतुलित रहें। चीन के बारे में उन्होंने कहा कि सीमा पर हालात कई बार बहुत मुश्किल हो गए, खासकर गलवान की झड़प के बाद। इसलिए हमें सीमा पर सड़कें और जरूरी सुविधाएं बनानी पड़ीं, जो पहले की सरकारों ने नजरअंदाज कर दी थीं। उन्होंने कहा;- पहले सरकारों ने बॉर्डर पर विकास नहीं किया, जो बड़ी गलती थी। आज हम चीन के सामने मजबूती से खड़े हैं, क्योंकि हमने वहां जरूरी ढांचा तैयार किया है। जयशंकर बोले- मोदी सरकार ने 11 साल में पड़ोसियों से रिश्ते बेहतर हुए जयशंकर ने कहा कि पिछले 11 सालों में मोदी सरकार ने भारत के पड़ोसी देशों से रिश्ते मजबूत करने पर खास ध्यान दिया है। उन्होंने बताया: जयशंकर ने कहा;- रिश्तों में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन हमें समझदारी से काम लेना चाहिए। मुश्किल समय में हार नहीं माननी चाहिए, क्योंकि ऐसा करना कमजोर योजना का संकेत होता है। मोदी सरकार ने पाकिस्तान को लेकर नीति बदली जयशंकर ने 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 की बालाकोट एयर स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बताते हुए कहा कि अब भारत सिर्फ जवाब नहीं देता, बल्कि जरूरत पड़ने पर खुद भी पहल करता है। उन्होंने कहा कि अब पाकिस्तान को यह नहीं लगता कि वो कुछ भी कर लेगा और उसे सजा नहीं मिलेगी। ———————————————– ये खबर भी पढ़ें… जयशंकर बोले- पाकिस्तान में आतंकवाद एक खुला धंधा, सेना और सरकार का इसे समर्थन विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हाल के सैन्य संघर्ष के दौरान भारत और पाकिस्तान कभी भी परमाणु युद्ध के कगार पर नहीं थे। जर्मन अखबार फ्रैंकफुरटर ऑलगेमाइन जितुंग को दिए इंटरव्यू में उन्होंने सीजफायर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावों को भी खारिज किया। पूरी खबर पढ़ें…
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