हरियाणा कांग्रेस की ‘संगठन सृजन’ प्रकिया के बीच आज (सोमवार को) प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को नई दिल्ली बुलाया गया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल और हरियाणा प्रदेश प्रभारी बीके हरिप्रसाद प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ जिलाध्यक्षों की फाइनल सूची पर वन- टू- वन चर्चा करेंगे। नेताओं से फीडबैक लेने के बाद पूरी रिपोर्ट, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के पास जाएगी। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने संभावना जताई है कि नई दिल्ली में होने वाली इस मीटिंग में राहुल गांधी भी मौजूद रह सकते हैं। पार्टी नेतृत्व मोटे तौर पर यह मन बना चुका है कि पहले जिलाध्यक्षों की सूची जारी होगी। इसके बाद ही प्रदेशाध्यक्ष पद को लेकर फैसला होगा। वर्तमान में चौधरी उदयभान के हाथों में प्रदेश कांग्रेस की कमान है। लेकिन उनका कार्यकाल पूरा हो चुका है। ऐसे में कांग्रेस विधायक दल के नेता के साथ-साथ प्रदेशाध्यक्ष का फैसला भी होना है। कुछ नेता लिस्ट जारी किए जाने के पक्ष में नहीं वहीं, प्रदेश कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता ऐसे हैं, जो पहले जिलाध्यक्षों की लिस्ट जारी किए जाने के पक्ष में नहीं है। इन नेताओं का तर्क है कि जिलाध्यक्ष पहले बनाने के बाद अगर प्रदेशाध्यक्ष का निर्णय होता है तो फिर प्रदेश कांग्रेस में प्रधान का कंट्रोल नहीं रहेगा। उन्होंने दलील भी दी है कि पहले प्रधान बनाना चाहिए, ताकि जिलाध्यक्ष के चयन में प्रदेशाध्यक्ष से भी विचार-विमर्श किया जा सके। इन नेताओं को बुलाया गया दिल्ली बीके हरिप्रसाद की मौजूदगी में नई दिल्ली में होने वाली मीटिंग में प्रदेश कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं को बुलाया गया है। यह जॉइंट मीटिंग नहीं होगी, बल्कि नेताओं के साथ वन-टू-वन चर्चा की जाएगी। इनमें पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेशाध्यक्ष उदयभान, पूर्व केंद्रीय मंत्री व सिरसा सांसद कुमारी सैलजा, राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह, पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव मुख्य रूप से शामिल हैं। संभव है कि प्रदेश के सांसदों व कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं को भी इस बैठक में बुलाकर उनका फीडबैक लिया जाए। इस तरह बने फाइनल पैनल राहुल गांधी द्वारा नियुक्त किए गए केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने सभी 22 जिलों का दौरा किया। नेताओं व कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेकर उन नामों को शॉर्ट-लिस्ट किया जिन्होंने जिलाध्यक्ष के लिए आवेदन किया था। छह-छह नेताओं के नाम के पैनल बनाकर प्रदेश प्रभारी को भेजे गए। इसके बाद केसी वेणुगोपाल व बीके हरिप्रसाद ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ वन-टू-वन मीटिंग करके एक-एक पैनल पर चर्चा की और छंटनी के बाद फाइनल पैनल बनाए गए।
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