भारत अपने मौजूदा S-400 एयर डिफेंस सिस्टम के लिए रूस से 10,000 करोड़ की मिसाइलें खरीदने वाला है। इसके लिए रूसी अधिकारियों के साथ बातचीत जारी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रक्षा मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को 23 अक्टूबर को होने वाली डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल की बैठक में मंजूरी दे सकता है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायु सेना के S-400 सिस्टम ने अहम भूमिका निभाई थी। बताया गया कि इसने पाकिस्तान के 5-6 लड़ाकू विमानों और एक जासूसी विमान को 300 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर मार गिराया। वायु सेना ने S-400 को भारत की हवाई सुरक्षा रणनीति का गेम चेंजर बताया है। नए S-400 पर दिसंबर में डील हो सकती है भारत रूस से कुछ और S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीद सकता है। ऐसे पांच सिस्टम्स की डील पहले ही हुई थी, जिनमें से 3 भारत को मिल चुके हैं। चौथे स्क्वाड्रन की डिलीवरी रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण रुकी हुई है। नई डील इनके अलावा होगी। न्यूज एजेंसी PTI के सोर्स के मुताबिक, दिसंबर में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के समय डील पर बातचीत हो सकती है। भारत ने अक्टूबर 2018 में रूस के साथ 5 अरब डॉलर का समझौता किया था। उस समय अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि इस सौदे को आगे बढ़ाने पर वह CAATSA कानून के तहत भारत पर पाबंदी लगा सकता है। भारत S-500 मिसाइल सिस्टम खरीदने पर भी विचार कर रहा है। S-400 और S-500 दोनों ही मॉडर्न मिसाइल सिस्टम हैं। इनका इस्तेमाल एयर डिफेंस और दुश्मन के हवाई हमलों से बचने के लिए किया जाता है। एयर चीफ मार्शल बोले थे- भारत जरूरत के हिसाब से सिस्टम खरीदेगा हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने और S-400 खरीदने के सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था- S-400 एक अच्छा हथियार सिस्टम है। ऐसे और सिस्टम्स की जरूरत है, लेकिन वे इस पर कुछ और नहीं कहना चाहते हैं। भारत अपनी जरूरत के हिसाब से सिस्टम खरीदने पर विचार कर सकता है। भारत अपने खुद के डिफेंस सिस्टम भी विकसित कर रहा है। S-400 डिफेंस सिस्टम क्या है? S-400 ट्रायम्फ रूस का एडवांस्ड मिसाइल सिस्टम है, जिसे 2007 में लॉन्च किया गया था। यह सिस्टम फाइटर जेट, बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल, ड्रोन और स्टेल्थ विमानों तक को मार गिरा सकता है। यह हवा में कई तरह के खतरों से बचाव के लिए एक मजबूत ढाल की तरह काम करता है। दुनिया के बेहद आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम में इसकी गिनती होती है। इसके अलावा, भारत रूस से नई एयर-टू-एयर मिसाइलें खरीदने पर भी विचार कर रहा है ताकि लंबी दूरी की हवाई लड़ाई (Beyond Visual Range Combat) में बढ़त हासिल की जा सके। साथ ही, दोनों देशों के बीच BrahMos सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल और उसके नए वर्जन को और बेहतर बनाने को लेकर भी बातचीत चल रही है।
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