पूर्व रणजी प्लयेर का मर्डर:सोनीपत में पूर्व पालिका चेयरमैन ने मारीं 3 गोलियां; कपिल देव के साथ खेले, सहवाग को दी थी कोचिंग

सोनीपत में महिला पार्षद के ससुर की सोमवार देर रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। वे रणजी प्लेयर और क्रिकेट कोच भी रह चुके थे। वारदात को उस वक्त अंजाम दिया गया, जब वे अपनी पत्नी, पार्षद पुत्रवधू और बच्चों के साथ कार में सवार होकर शादी समारोह में जा रहे थे। रास्ते में कार रुकवा कर तीन गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। हत्या करने आरोप नगर पालिका के पूर्व कार्यवाहक चेयरमैन ही लगाया गया है। पुत्रवधू ने बताया कि जैसे ही हम लोग घर से निकले और कुछ दूर चले, वैस ही आरोपी ने उनकी कार रुकवा ली और सीट पर बैठे हुए उनके ससुर पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी। इसके बाद हमलावर फरार हो गया। आसपास के लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और घायल ससुर को सिविल अस्पताल में पहुंचाया, जहां से उन्हें रेफर कर दिया गया । एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। मृतक‎ की पहचान रामकरण निवासी गन्नौर के रूप में हुई। वे दिल्ली सरकारी डिपार्टमेंट में डायरेक्टर ऑफ विजिलेंस पद से साल 2020 में सेवानिवृत हुए थे। उनके परिवार में दो बेटे और एक ‎बेटी है। उनका बेटे अमित शर्मा की पत्नी सोनिया शर्मा वर्तमान में पार्षद है।‎ उधर, एफएसएल टीम और गन्नौर सिटी थाना पुलिस मौके पर पहुंचे और साक्ष्य जुटाए। पुलिस की जांच में सामने आया है कि हत्यारोपी ने 1 दिन पहले ही पुलिस को कॉल कर रामकरण से जान का खतरा जताया था। मगर, देर रात खुद ही उसकी हत्या कर दी। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है। रणजी ट्रॉफी भी खेल चुके थे रामकरण
बेटे अरविंद शर्मा ने बताया कि उनके पिता रामकरण साल 1985- 86 के आसपास रणजी ट्रॉफी भी खेली। इसके बाद दिल्ली में बतौर कोच अपनी सेवाएं दी। उनके पिताजी कपिल देव और चेतन शर्मा के साथ भी क्रिकेट खेल चुके हैं। एक अच्छे प्लेयर के रूप में हमेशा उन्होंने अपना योगदान दिया था। वीरेंद्र सहवाग को भी कोचिंग दी थी। यहां सिलसिलेवार ढंग से जानिए पूरा मामला… यहां जानिए पुलिस-परिवार ने हत्या के पीछे की क्या वजह बताई… सोशल मीडिया पर लगातार आरोपी दे रहा था धमकी
परिवार के मुताबिक, इस वारदात के पीछे वार्ड पार्षद चुनाव लेकर चल रहा पुराना विवाद है। आरोपी सुनील लंबू इस बार चेयरमैन का चुनाव हार गया था। उधर, वार्ड-12 से रामकरण के बेटे की पत्नी सोनिया शर्मा पार्षद चुनी गई थीं। चुनाव के बाद से ही सुनील लंबू लगातार सोशल मीडिया ग्रुपों पर वार्ड की समस्याओं को उजागर कर रहा था। सोमवार को रामकरण ने लंबू को व्हाट्सएप ग्रुप में डालने की बजाय समस्या सीधे बताने और समाधान कराने की बात कही थी। इसके बाद दोनों के बीच तकरार बढ़ गई थी। आरोप है कि सुनील लंबू ने डायल 112 पर कॉल कर जान से मारने की धमकी मिलने का मैसेज भी ग्रुप में डाला था, लेकिन शाम होते ही इस हत्याकांड को अंजाम दे दिया। आरोपी नगर पालिका का कार्यवाहक अध्यक्ष भी रह चुका
रामकरण के परिवार के मुताबिक, पिछले प्लान में वार्ड 12 के लोगों ने सुनील लंबू को एक्टिव देख सर्वसम्मति से अपना पार्षद चुन लिया था। चेयरमैन की कुर्सी की खींचतान का सबसे ज्यादा फायदा भी सुनील लंबू को मिला, वह पिछले कार्यकाल में लंबे समय तक कार्यवाहक अध्यक्ष पद पर रहा। इस बीच कई बार विवादों में भी रहा। साल 2022 में पालिका चुनाव के दौरान वार्ड 12 और 13 से सुनील उर्फ लंबू ने अपनी पत्नी और अपने भाई सुशील को वार्ड से पार्षद के रूप में मैदान में उतारा था और खुद चेयरमैन का चुनाव लड़ा था। मगर, तीनों हार गए, जबकि रामकरण की पुत्रवधू 527 वोटों से जीत गई थी। बेटा अरविंद बोला, शराब पीकर आया था रामकरण
रामकरण के बेटे अरविंद शर्मा ने बताया कि रात के समय सुनील लंबू ने उसके पिताजी को गोली मारी है। लंबू की शुरुआत से ही ऐसी एक्टिविटी रही है। वह हमेशा से ही डराने धमकाने का काम करता रहा है। लंबू हमेशा नशे में रहता है और कल रात भी उसने नशे में आकर ही गोली मारी है।
अरविंद ने बताया कि गाड़ी में पूरा परिवार बैठा हुआ था। इसमें पिताजी रामकरण, माताजी, उसकी पत्नी, भाभी, बेटा, भतीजा और भतीजी गाड़ी में थे। अन्य भी बाल बाल बचे हैं। NH 44 हाईवे पर गांव बड़ी के पास वीर फार्म हाउस पर पड़ोसी के परिवार की शादी समारोह में शामिल होने के लिए जा रहे थे। खानपुर मेडिकल कॉलेज में होगा शव का पोस्टमॉर्टम
एसीपी ऋषिकांत ने बताया, वार्ड पार्षद की रंजिश में सुनील लंबू ने वारदात को अंजाम दिया है। दोनों का पुराना चुनावी झगड़ा रहा है। सोशल मीडिया की पोस्ट को लेकर उन्होंने कहा है कि अभी उनके संज्ञान में नहीं है। परिवार के लोगों ने चुनावी एंगल ही बताया है। पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर तीन टीम में गठित कर दी है, जिसमें सीआई ए और 2 थाना की टीम बनाई गई है। उन्होंने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सोनीपत के सिविल अस्पताल में लाया गया था। यहां फोरेंसिक डॉक्टर ना होने की वजह से उनके शव को खानपुर मेडिकल के लिए भेजा कर दिया गया है।

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