दर्द और मोटापे की दोहरी मार झेल रहे कोलकाता निवासी 27 वर्षीय एक युवक को शहर के एक अस्पताल ने नई जिंदगी दी। 165 किलो का यह युवक कूल्हे की गंभीर समस्या से जूझ रहा था। कोलकाता के अस्पताल सहित कई जगह इलाज के लिए युवक के परिजनों ने कोशिश की, लेकिन उन्हें कहीं सफलता नहीं मिली। ऐसे में युवक को लेकर उसके परिजन फरीदाबाद के सेक्टर आठ स्थित सर्वोदय अस्पताल पहुंचे। यहां के अनुभवी डॉक्टरों ने असंभव लगने वाले इस कार्य को संभव कर दिखाया। उन्होंने एक-एक कर दोनों हिप (कूल्हों) की सफल रिप्लेसमेंट सर्जरी की। अब युवक दर्दमुक्त जीवन जी रहा है। अस्पताल का दावा है कि 165 किलो के भारी भरकम शरीर वाले युवक की यह देश की पहली िहप सर्जरी है। अभी तक 138 किलो वजन के सर्जरी का रिकार्ड था। इस अनोखी सर्जरी के लिए अस्पताल ने लिम्का बुक आफ रिकार्ड्स और गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड्स में नाम दर्ज करने के लिए अपनी दावेदारी जताई है। डाक्टरों ने सफल सर्जरी कर बनाया रिकार्ड: कोलकाता निवासी रोहित मुंद्रा कई वर्षों से एवीएन (एवैस्कुलर नेक्रोसिस) की समस्या से परेशान थे। उन्हें यह बीमारी कोविड के बाद हुई थी। उनके कूल्हों की हड्डी धीरे-धीरे खराब होने लगीं। इससे उनका चलना-फिरना मुश्किल हो गया। उनका वजन काफी ज्यादा होने से सर्जरी होना मुश्किल थी। परिजन युवक को कोलकाता सहित कई जगह इलाज के लिए ले गए, लेकिन उन्हें कहीं से संतोषजनक रिजल्ट नहीं मिला। इसके बाद वह फरीदाबाद के सर्वोदय अस्पताल पहुंचे। यहां डा. पंकज वलेचा ने मरीज की सारी केस हिस्ट्री समझी। इसके बाद उन्होंने मरीज का इलाज करने का निर्णय लिया। डा. वलेचा के अनुसार इतने भारी वजन वाले मरीज में टोटल हिप रिप्लेसमेंट करना आसान नहीं था। उन्होंने पहले सर्जरी से कूल्हे के भार को कम करने को सोची। लेकिन कुछ मेडिकल सीमाओं के कारण यह सर्जरी संभव नहीं हो पाई। इस दौरान युवक के हिप का दर्द भी बढ़ता जा रहा था। इसलिए उन्होंने हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी करने का निश्चय किया। इसमें डाक्टरों की अनुभवी टीम और अच्छी हॉस्पिटल सुविधाओं की जरूरत होती है। उन्होंने सारी व्यवस्थाएं करने के बाद युवक की हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की। जो सफल रही। आज युवक अपने नियमित कार्य करने में समर्थ है। अस्पताल का दावा है कि 165 किलो के भारी भरकम शरीर वाले युवक की यह देश की पहली हिप सर्जरी है। डा. वलेचा ने कहाकि आजकल एवीएन की समस्या युवाओं में बढ़ रही हैं। हमारे पास देश के अलग-अलग राज्यों के साथ-साथ नेपाल और बांग्लादेश से भी मरीज आ रहे हैं। उन्होंने कहा मोटापा, स्टेरॉयड का इस्तेमाल, ज्यादा शराब और बीमारी का देर से पता चलना ये सब कूल्हे की हड्डी खराब होने के मुख्य कारण हैं। हॉस्पिटल के चेयरमैन डा. राकेश गुप्ता ने कहाकि इतने वजन के मरीज की हिप सफल सर्जरी होना बहुत दुर्लभ बात है। यह मेडिकल जगत में किसी अजूबे से कम नहीं है।
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