पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने गुरुवार को राज्य में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया को रोकने की मांग करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार को लेटर लिखा। उन्होंने SIR प्रक्रिया को जबरदस्ती थोपने वाली और खतरनाक बताया है। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया में बहुत गड़बड़ियां हैं। ममता ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि बिना पर्याप्त ट्रेनिंग, गाइडलाइन और तैयारी के SIR को लागू किया जा रहा है, जिससे BLO और लोगों दोनों पर दबाव बन रहा है। उन्होंने दावा किया कि कई BLO टीचर, फ्रंटलाइन वर्कर और दूसरे नियमित कर्मचारी हैं, जिन्हें एक साथ घर-घर सर्वे और ऑनलाइन फॉर्म भरने जैसे काम भी करने पड़ रहे हैं। उन्होंने इसे इंसानी क्षमता से ज्यादा का दबाव बताया। इधर, पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर तैनात BSF ने दावा किया है कि राज्य में SIR प्रक्रिया के बाद से बॉर्डर पार करने की कोशिश करने वाले अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की संख्या तेजी से बढ़ गई है। रोज 150 से ज्यादा अवैध बांग्लादेशी लौट रहे हैं। ममता बनर्जी के लेटर की मुख्य बातें… BSF का दावा- रोजाना 100 से ज्यादा बांग्लादेशी लौट रहे BSF के एक अधिकारी के मुताबिक नॉर्थ 24 परगना, मुर्शिदाबाद और मालदा में बॉर्डर के बिना फेंसिंग वाले हिस्सों से लौटने की कोशिश कर रहे बांग्लादेशी इमीग्रेंट्स के फ्लो में क्वांटम जंप देखा गया है। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक BSF अधिकारी ने बताया कि पहले ऐसे मामले मुश्किल से डबल डिजिट में आते थे। अब यह आंकड़ा हर दिन लगातार तीन डिजिट में है। बॉर्डर पर तैनात BSF के जवानों ने कहा कि चेक पोस्ट पर छोटे बैग और सामान लेकर लोगों की लाइन लग रही है, जो खुलेआम मान रहे हैं कि वे बांग्लादेशी हैं और सालों पहले गैर-कानूनी तरीके से भारत में आए थे। अवैध बांग्लादेशियों की अचानक बढ़ोतरी से BSF और स्टेट पुलिस पर प्रेशर बढ़ गया है, जिन्हें बॉर्डर के दोनों तरफ हर पकड़े गए व्यक्ति का बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन, पूछताछ और क्रिमिनल बैकग्राउंड चेक करना होता है। 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 51 करोड़ वोटरों में से 50.35 करोड़ से ज्यादा लोगों को वोटर लिस्ट के चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के तहत फॉर्म मिल गए हैं। SIR से जुड़ी 3 तस्वीरें… SIR या पुलिस वेरिफिकेशन ड्राइव के दौरान पकड़े जाने का डर BSF अधिकारियों ने कहा कि वापस जाने की कोशिश करने वाले लोगों के पास कोई वैलिड ट्रैवल पेपर्स नहीं हैं। सिर्फ वही लोग गैर-कानूनी तरीके से घुसने की कोशिश करते हैं जिनके पास डॉक्यूमेंट्स नहीं होते। कई लोग सालों पहले आए थे, ज्यादा समय तक रुके। अब SIR या पुलिस वेरिफिकेशन ड्राइव के दौरान पकड़े जाने से डरते हैं। BSF के मुताबिक अवैध बांग्लादेशियों की इतनी बड़ी संख्या ने लॉजिस्टिक मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। कोई भी एजेंसी हजारों लोगों को लंबे समय तक हिरासत में नहीं रख सकती। वेरिफिकेशन के बाद, अगर उनका कोई क्रिमिनल हिस्ट्री नहीं है, तो BGB- बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के साथ कोऑर्डिनेट करना और उनकी वापसी में मदद करना ही इकलौता ऑप्शन है।
Related Posts
राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए 4 सदस्यों को नॉमिनेट किया:मशहूर वकील निकम, इतिहासकार मीनाक्षी जैन, पूर्व डिप्लोमैट हर्षवर्धन श्रृंगला और समाजसेवी सदानंदन शामिल
राष्ट्रपति मुर्मू ने राज्यसभा के लिए 4 सदस्यों को नॉमिनेट किया है। इनमें पूर्व सरकारी वकील और लोकसभा चुनाव में…
मोदी सरकार 3.0 को आज 1 साल पूरा:मोदी बोले- महिलाओं की लीडशिप से विकास की परिभाषा बदली; नड्डा भाजपा मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल को सोमवार को 1 साल पूरा हो गया है। वहीं, मोदी सरकार के तीनों कार्यकाल…
पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाला शख्स दिल्ली से गिरफ्तार:कई साल से खुफिया जानकारी भेज रहा था; फेक पासपोर्ट-आईडी बरामद
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंगलवार को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार…