हमास जैसे हमलों की साजिश रच रहा था जैश:कश्मीरी अस्पतालों में हथियारों का ठिकाना बनाने की तैयारी थी; 1990 के बाद ऐसा पहली बार

दिल्ली ब्लास्ट की जांच में सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ा खुलासा किया हैं। सूत्रों के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी मॉड्यूल कश्मीर के अस्पतालों को हथियारों का ठिकाना बनाने की कोशिश कर रहा था। यह तरीका हमास की रणनीति से मिलता-जुलता है, जो नागरिक इलाकों और अस्पतालों को हथियारों के ठिकाने के रूप में इस्तेमाल करता है। ऐसा माना जा रहा है कि इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए शुक्रवार को भी गांदरबल और कुपवाड़ा जिलों के कई सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के लॉकर्स की तलाशी ली गई। यह तलाशी अभियान बुधवार से ही जारी है। पूर्व डीजीपी बोले आतंकी 1990 में अस्पतालों का हथियारों के ठिकाने के रूप में इस्तेमाल करते थे। जिसके बाद आर्मी और पुलिस ने इसे पूरा क्लीन किया था। अब फिर अस्पतालों को ठिकाना बनाया जा रहा था। जांच एजेंसियां अब यह पता लगा रही हैं कि इस मॉड्यूल ने कितने अस्पतालों को ठिकाना बनाने की कोशिश की और हथियारों की सप्लाई चेन कहां तक फैली हुई थी। दिल्ली ब्लास्ट के बाद से ही NIA और स्थानीय पुलिस इस पूरे नेटवर्क को तोड़ने में लगी है। सुरक्षा एजेंसियों ने 2 और खुलासे किए, पाकिस्तान से भेजे गए बम बनाने के 40 वीडियो
हमास ह्यूमन शील्ड के लिए अस्पतालों, ऐंबुलेंसों का इस्तेमाल करता हमास पर कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और खुफिया रिपोर्टों ने आरोप लगाया है कि वह गाजा में अस्पतालों, ऐंबुलेंसों और मेडिकल सुविधाओं का इस्तेमाल हथियारों और लड़ाकों को छिपाने के लिए करता है। रिपोर्टों के अनुसार, कई अस्पतालों के नीचे सुरंगें बनाई गई हैं, जिनमें हथियार, गोला-बारूद और कमांड सेंटर संचालित होते हैं। इजराइल और पश्चिमी खुफिया एजेंसियों का दावा है कि हमास घायल या आम नागरिकों की आड़ लेकर अस्पतालों में लड़ाकों को रखता है और इन्हें ढाल की तरह इस्तेमाल करता है, जिससे सैन्य कार्रवाई के दौरान नागरिकों को खतरा बढ़ जाता है। यह तरीका हमास की “ह्यूमन शील्ड” रणनीति का हिस्सा माना जाता है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना होती रही है। NIA ने अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया राज्यपाल ने कहा- अमोनियम नाइट्रेट खरीदने और बेचने वालों का रिकॉर्ड रखें
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शुक्रवार को हाल ही में लाल किले में हुए आतंकी धमाकों के बाद पुलिस कमिश्नर और चीफ सेक्रेटरी को कई एहतियाती और बचाव के कदम उठाने का निर्देश दिया है। एक तय लिमिट से ज्यादा अमोनियम नाइट्रेट खरीदने और बेचने वाली कंपनियों का डिजिटल रिकॉर्ड रखें, जिसमें खरीदने वालों और बेचने वालों की फोटो के अलावा दूसरी जरूरी डिटेल्स भी हों। मैप से समझिए धमाके की लोकेशन
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दिल्ली ब्लास्ट से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… अल फलाह यूनिवर्सिटी के 10 लोग लापता:दिल्ली ब्लास्ट सेल से जुड़े होने का शक; आतंकी उमर सुसाइड बॉम्बर तैयार कर रहा था दिल्ली में लाल किला के पास हुए कार ब्लास्ट के बाद हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े 10 लोग लापता हैं। एजेंसी को शक है कि ये सभी ब्लास्ट में शामिल हो सकते हैं, जो ग्राउंड वर्कर का काम कर रहे थे।जांच एजेंसियों ने खुलासा किया कि लाल किले के सामने विस्फोटक से भरी कार उड़ाने वाला आतंकी डॉ. उमर नबी अपने जैसे कई और सुसाइडल बॉम्बर तैयार करने की साजिश रच रहा था। पूरी खबर पढ़ें…

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